शेयर बाजार व्यापार या जुआ?
हर इंसान अपनी जिंदगी में तरक्की के लिए ढेरों उपाय करता है, बहुत सारा पैसा कमाना चाहता है। इसके लिए वह तरह-तरह के रास्ते अपनाता है, उन्हीं रास्तों में से एक रास्ता कुछ लोग शेयर बाजार का भी चुनते हैं। हालांकि, कुछ लोगों का यह मानना है कि यह तो सट्टा बाजार है, जुआ है और इससे दूर ही रहना चाहिए। किन्तु मेरा मानना है कि यह सट्टा बाजार या जुआ नहीं, बल्कि एक प्रकार का व्यापार है।
जब कोई कंपनी अपनी वस्तु बनाती है और बाजार में उसे बेचती है, तो वह व्यापार हुआ। तो फिर उसी कंपनी का शेयर जुआ कैसे हो सकता है? जब शेयर बाजार में लिस्टेड होकर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, तो यह व्यापार नहीं होगा, तो क्या होगा? जैसे कोई वस्तु कम कीमत पर खरीदकर अधिक कीमत पर बेची जाती है, ठीक वैसे ही शेयर बाजार में भी आप कम में खरीदकर अधिक में बेच सकते हैं, चाहे वह एक दिन में हो या एक साल में।
किसी भी व्यापार के लिए उस व्यापार की जानकारी होना आवश्यक है। ठीक उसी तरह, शेयर बाजार से कमाई करने के लिए यह जरूरी है कि पहले उसकी सही जानकारी प्राप्त की जाए, फिर शुरुआत की जाए। बिना जानकारी के व्यापार करना जोखिमपूर्ण हो सकता है, और इसी तरह बिना जानकारी के शेयर बाजार में निवेश करने से नुकसान हो सकता है।
अगर आप नौकरी या व्यापार कर रहे हैं और साथ में शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें, जैसे कि आपके पास जो पैसा जरूरत के अलावा है, उतना ही लगाएं। लंबी अवधि के लिए निवेश करें और एक बार में सारे पैसे एक साथ न लगाएं। सभी पैसे एक ही कंपनी के शेयरों में न लगाएं। कोशिश करें कि आप ऐसी कंपनी के शेयर में निवेश करें, जिसके उत्पादों के बारे में आपको जानकारी हो और जो बाजार में अच्छी पकड़ बना चुकी हो। कुल मिलाकर, सावधानी और थोड़ी जानकारी के साथ आप लंबी अवधि के निवेश की शुरुआत कर सकते हैं, जिससे नुकसान होने की संभावना कम रहती है।
मैंने ऐसे बहुत से लोगों को देखा है जो व्यवस्थित, सुनियोजित और धैर्य के साथ शेयर बाजार में निवेश करते हैं और मुनाफा कमाते हैं। हालांकि, अगर गलत तरीके से किया जाए या दूसरों के कहने पर किया जाए, तो शेयर बाजार जोखिमपूर्ण हो सकता है।
शेयर बाजार में खरीद/बिक्री के कई तरीके होते हैं, लेकिन जो मुख्य हैं, वे तीन प्रकार के हैं:
1. इंट्राडे ट्रेडिंग
2. स्विंग ट्रेडिंग
3. लॉन्ग टर्म
इंट्राडे ट्रेडिंग में जो शेयर आज खरीदा गया है, उसे आज ही बाजार बंद होने से पहले बेचना होता है, नहीं तो ब्रोकर उसे खुद बेच देगा।
स्विंग ट्रेडिंग में लोग एक हफ्ते का टारगेट लेकर चलते हैं, हालांकि इसमें एक ही दिन में शेयर बेचने की बात नहीं होती। यदि आपको लगता है कि शेयर लंबे समय में अच्छा करेगा, तो आप उसे रख सकते हैं।
लॉन्ग टर्म में, आप शेयर खरीदते हैं और शांति से बैठ जाते हैं, तब तक जब तक वह आपके लक्ष्य के पास न पहुंच जाए।
लॉन्ग टर्म में एक और फायदा यह है कि कंपनी की तरफ से समय-समय पर लाभांश (डिविडेंड) मिल सकता है।
कुछ भी करें, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है सीखना। आप जितना सीखेंगे, उतना अच्छा होगा। इसके लिए यूट्यूब, ब्लॉग्स आदि पर जाकर आप सीख सकते हैं। बिना सीखे, बिना मेहनत किए कमाना मुश्किल है। फिर फिक्स्ड डिपॉजिट ही अच्छा रहेगा, जहां रिटर्न कम होता है लेकिन जोखिम नहीं होता।
यहां मैं ट्रेडिंग (ऑप्शन ट्रेडिंग) की बात नहीं कर रहा हूं। जो कुछ भी मैंने लिखा है, वह केवल जानकारी के लिए है। इससे टिप्स, ट्रेडिंग आदि का कोई संबंध नहीं है। शेयर बाजार जोखिमपूर्ण है, इसलिए अपने जोखिम पर ही निवेश/ट्रेड करें।
मेरे हिसाब से शेयर बाजार एक व्यवसाय है। यदि इसे सही जानकारी से किया जाए तो यह बहुत अच्छा साबित हो सकता है। जोखिम तो है, लेकिन जैसा कि किसी ने कहा है, "जोखिम है, तो इश्क है।" जिंदगी में बिना जोखिम के कुछ भी हासिल करना मुश्किल है। बहुत कम लोग होते हैं जो चांदी के चमचों के साथ पैदा होते हैं, ज्यादातर को अपनी किस्मत खुद बनानी पड़ती है, और इसके लिए शेयर बाजार एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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