वित्तीय वर्ष 2023-24 GSTR-9 और GSTR-9C फाइलिंग की आखिरी तारीख नजदीक: जानें कैसे बचें जुर्माने से

 



जीएसटी (GST) लागू होने के बाद से व्यवसायों के लिए वार्षिक रिटर्न फाइल करना एक महत्वपूर्ण दायित्व बन गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए GSTR-9 (Annual Return) और GSTR-9C (Reconciliation Statement) फाइलिंग की आखिरी तारीख करीब आ रही है। सरकार ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग के लिए निर्धारित तारीखों का पालन न करने पर भारी जुर्माना और ब्याज लागू किया है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि समय पर फाइलिंग क्यों जरूरी है और किन तरीकों से आप जुर्माने से बच सकते हैं।



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GSTR-9 और GSTR-9C क्या हैं?


GSTR-9 (Annual Return): यह वार्षिक रिटर्न है, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान दर्ज सभी मासिक और त्रैमासिक रिटर्न (GSTR-1, GSTR-3B) की जानकारी दी जाती है। यह उन व्यवसायों के लिए अनिवार्य है, जिनका सालाना कारोबार ₹2 करोड़ या उससे अधिक है।


GSTR-9C (Reconciliation Statement): यह एक ऑडिट रिपोर्ट है, जिसमें वित्तीय बयानों और GSTR-9 के डेटा के बीच समन्वय दिखाया जाता है। यह उन व्यवसायों के लिए अनिवार्य है, जिनका सालाना कारोबार ₹5 करोड़ या उससे अधिक है।




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GSTR-9 और 9C फाइलिंग की आखिरी तारीख


सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए GSTR-9 और GSTR-9C फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है।



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देर से फाइलिंग पर जुर्माना और ब्याज


1. लेट फीस:


सामान्य रजिस्ट्रेशन: ₹200 प्रतिदिन (₹100 CGST और ₹100 SGST)।


अधिकतम लेट फीस: कुल टर्नओवर का 0.50%।




2. ब्याज: देरी से जीएसटी देनदारी जमा करने पर 18% वार्षिक दर से ब्याज देना होगा।



3. आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट): समय पर फाइलिंग न करने से इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने में भी परेशानी हो सकती है।





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समय पर GSTR-9 और 9C फाइलिंग के फायदे


1. जुर्माने से बचाव: समय पर रिटर्न फाइल करने से अतिरिक्त लेट फीस और ब्याज नहीं लगेगा।



2. ऑडिट का जोखिम कम: सही और समय पर फाइलिंग से जीएसटी विभाग द्वारा ऑडिट का खतरा कम हो जाता है।



3. आईटीसी क्लेम में आसानी: सही डेटा प्रस्तुत करने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट आसानी से क्लेम किया जा सकता है।



4. व्यवसाय की साख: समय पर अनुपालन करने से आपका व्यवसाय वित्तीय संस्थानों और अधिकारियों की नजर में विश्वसनीय बना रहता है।





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कैसे बचें जुर्माने से?


1. डेटा की तैयारी पहले से करें:


अपने मासिक/त्रैमासिक रिटर्न (GSTR-1 और GSTR-3B) की जानकारी GSTR-9 के साथ मिलान करें।


बिक्री, खरीद, टैक्स पेमेंट, और आईटीसी का सही रिकॉर्ड रखें।




2. डेटा का मिलान करें:


वित्तीय स्टेटमेंट और जीएसटी रिटर्न के बीच किसी भी विसंगति को दूर करें।


GSTR-2A/2B और खरीद विवरण का मिलान करें।




3. सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें:-


सभी आवश्यक दस्तावेज़, जैसे बैलेंस शीट, P&L स्टेटमेंट, और टैक्स चालान, तैयार रखें।




4. टूल्स और सॉफ्टवेयर का उपयोग करें:


GSTR-9 और 9C फाइलिंग के लिए क्लाउड-बेस्ड जीएसटी सॉफ्टवेयर का उपयोग करें। यह डेटा को सटीक और त्रुटिहीन रखने में मदद करता है।




5. फाइलिंग में देरी होने पर तुरंत जुर्माना जमा करें:


अगर किसी कारणवश फाइलिंग में देरी होती है, तो जल्दी जुर्माना भरकर प्रक्रिया पूरी करें।






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महत्वपूर्ण बातें


अंतिम समय की जल्दबाजी से बचें। आखिरी तारीख से पहले रिटर्न फाइल करना हमेशा बेहतर होता है।


जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी समस्याओं के कारण भी समय पर रिटर्न फाइलिंग में दिक्कत हो सकती है। इसलिए, पहले से प्रक्रिया शुरू करें।


जीएसटी नियमों में बदलाव के बारे में अपडेट रहें।




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निष्कर्ष


GSTR-9 और GSTR-9C की समय पर फाइलिंग हर व्यवसाय के लिए आवश्यक है। इससे न केवल आप जुर्माने से बच सकते हैं, बल्कि आपकी कंपनी का वित्तीय रिकॉर्ड भी सटीक रहेगा। अगर आपको किसी प्रकार की कठिनाई हो रही है, तो तुरंत अपने कर सलाहकार से संपर्क करें और फाइलिंग प्रक्रिया पूरी करें।


आखिरी समय पर दिक्कतों से बचने के लिए, आज ही अपनी फाइलिंग शुरू करें!


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