बजट: क्या है, इसका महत्व और इसे कैसे तैयार किया जाता है?
देश के विकास और प्रगति की योजना बनाने में बजट की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। आम नागरिक के रूप में यह समझना जरूरी है कि बजट आखिर क्या है, इसे क्यों बनाया जाता है, और यह हमारी जिंदगी को कैसे प्रभावित करता है। इस ब्लॉग में हम बजट के हर पहलू को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेंगे।
बजट का मतलब क्या है?
बजट एक वित्तीय योजना है, जिसमें सरकार यह तय करती है कि आने वाले वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) में उसे कितना राजस्व प्राप्त होगा और इसका उपयोग किन क्षेत्रों में किया जाएगा। यह सरकारी आय और व्यय का विस्तृत विवरण होता है।
बजट का महत्व
- आर्थिक प्रबंधन: बजट देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित रखने का एक माध्यम है।
- विकास योजनाएं: इसमें देश की प्राथमिकताओं के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना, और सुरक्षा पर खर्च का प्रावधान किया जाता है।
- सामाजिक न्याय: बजट समाज के गरीब और वंचित वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं की दिशा तय करता है।
- वित्तीय अनुशासन: यह सरकार को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि उसके खर्च और उधारी पर नियंत्रण बना रहे।
बजट कौन बनाता है और पेश करता है?
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तैयारी का चरण:
- वित्त मंत्रालय: बजट का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय की होती है।
- विभागीय योगदान: हर मंत्रालय और विभाग अपने आवश्यक खर्चों और प्रस्तावों की जानकारी वित्त मंत्रालय को भेजता है।
- संशोधन और समन्वय: वित्त मंत्रालय इन प्रस्तावों का अध्ययन कर राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार संशोधन करता है।
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कैबिनेट की मंजूरी:
अंतिम बजट को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जाता है। -
बजट की प्रस्तुति:
बजट को भारत के वित्त मंत्री संसद में पेश करते हैं।- लोकसभा में: बजट को वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण के रूप में लोकसभा में पेश किया जाता है।
- राज्यसभा में: बजट चर्चा के लिए राज्यसभा में भी प्रस्तुत किया जाता है।
बजट को कौन मान्यता देता है?
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संसद में चर्चा:
बजट पेश होने के बाद, संसद में इस पर व्यापक चर्चा होती है। विपक्ष और अन्य सदस्यों के सुझावों और सवालों पर विचार किया जाता है। -
ग्रांट और स्वीकृति:
बजट में प्रस्तावित खर्चों के लिए संसद से स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके लिए मांगों को अलग-अलग विभागों के माध्यम से संसद में रखा जाता है। -
वित्त विधेयक:
बजट को कानूनी रूप से लागू करने के लिए वित्त विधेयक और विनियोग विधेयक पारित किए जाते हैं। -
राष्ट्रपति की मंजूरी:
अंत में, राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद बजट लागू हो जाता है।
बजट में आय और खर्च के स्रोत
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सरकार की आय:
- कर राजस्व:
- प्रत्यक्ष कर: आयकर, कॉरपोरेट टैक्स।
- अप्रत्यक्ष कर: जीएसटी, कस्टम ड्यूटी।
- गैर-कर राजस्व:
- सरकारी संपत्तियों से प्राप्त आय।
- विनिवेश (सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचना)।
- ऋण और ब्याज से आय।
- कर राजस्व:
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सरकार का खर्च:
- विकास व्यय:
- सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण।
- स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च।
- गैर-विकास व्यय:
- रक्षा बजट।
- सरकारी कर्मचारियों का वेतन और पेंशन।
- उधारी पर ब्याज का भुगतान।
- विकास व्यय:
बजट का आम जनता पर प्रभाव
- कर प्रणाली में बदलाव: आयकर स्लैब में परिवर्तन, जीएसटी दरें, और अन्य करों का असर सीधा आपकी जेब पर पड़ता है।
- मूल्य वृद्धि: पेट्रोल-डीजल, खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि या कमी।
- वित्तीय योजनाएं: बजट में नई सब्सिडी, योजनाओं का लाभ समाज के विभिन्न वर्गों को मिलता है।
निष्कर्ष
बजट देश की वित्तीय रीढ़ है। यह न केवल सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है, बल्कि देश की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका निभाता है। इसे समझना हर नागरिक के लिए आवश्यक है, ताकि वह जागरूकता के साथ सरकार की नीतियों का मूल्यांकन कर सके।
आशा है, इस ब्लॉग से बजट से जुड़ी जानकारी आपको जरूर मिली होगी।
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धन्यवाद✍️🙏
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